किसानों की गेहूं, सरसों, अरहर व तीसी की फसल हो गई बर्बाद, कई जगहों पर गिरे पेड़ व खंभे
आजमगढ़ : बेमौसम सोमवार को हुई तेज बारिश के चलते किसानों के साल भर की कमाई पर एक बार फिर पानी फिरने जा रहा है। खेतों में पक कर तैयार हुई गेहूं, अरहर, सरसों आदि की फसलें तेज हवा के कारण खेतों में गिर गई है।
इतना ही नहीं कुछ किसान भी अपने गेहूं की कटाई करके छोड़ दिए हैं जो बुरी तरह से भीग कर खराब होने को लेकर किसान काफी चिंतित हो उठे हैं।
सुबह आए आंधी-पानी की वजह से मौसम पूरी तरह से सर्द हो गया है। शहर में जहां जगह-जगह जलजमाव हो गया है वहीं आंधी से विद्युत खंभे जगह-जगह गिर गए हैं।
इसकी वजह से विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो गई है। 1 अमिलो प्रतिनिधि के अनुसार पूर्व में भी हुई बरसात के कारण गेहूँ, चना, जौ, मटर, अरहर, सरसों, तीसी आदि सभी दलहनी और तिलहनी फसलें तो पूरी तरह बर्बाद हो गई थीं।
फलों का राजा कहे जाने वाला आम का वृक्ष भी अपने पर आंसू बहा रहा है। उसमें लगे बौर तो सिकुड़ कर लासे की तरह चू चू कर के पेड़ों से गिर रहे हैं।
इसके कारण अब उनमें फल लगने की क्षमता ही खतम हो गई है। जिन लोगों ने अपने आम के पेड़ों पर बरसात से पूर्व दवा आदि का छिडकाव कर दिया है उनकी आम के फसलों पर कुछ फल आ सकते हैं वह भी अगर पुन: बरसात का शिकार न हुए तो फल आ सकते हैं।
तेज हवा के झोकों ने फसलों को जमीनदोंज कर दिया है। सरसों की पकी फलियों से सारे दाने झड़ गए हैं। इसके कारण तिलहनी फसल की भारी बरबादी हुई है।
केवल सरसों के डंठल ही खेतों में दिख रहे हैं। 1गेहूँ की फसलें तो खेतों में कई तरफ से लोट-पोट हो गई हैं।
कुछ यही हाल चने, मटर और जौ का भी है। जायद की फसलों जैसे मूँग, मक्का सहित सब्जी की खेती का भी बुरा हाल है।
अरहर की फलिया जिनमें लगी हैं वह तो कुछ लायक हैं, परन्तु जिनमें केवल फूल लगे हैं वे तो बरबादी के कगार पर पहुंच गए हैं।
किसान श्रीराम, सुरेश यादव, बृजभान यादव, मंगला सिंह आदि का कहना है कि बेमौसम हुई बारिश के कारण खेतों में पक कर खड़ी फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।
गेहूँ, सरसों सहित अन्य फसलें तेज वर्षा के कारण गिर गई हैं। उस पर हुई बारिश फसलों को नुकसान पहुंचाने को कहीं कोर कसर नहीं छोड़ा।
अब तो विधाता ही हम लोगों को आहार की व्यवस्था ही करेंगे।तेज हवा और बारिश के चलते पेड़ से गिर कर नष्ट हुए आम के फल।
बारिश से गिरकर बर्बाद हुई सरसों की फसल।रानी की सराय (आजमगढ़) : मौसम के अचानक परिवर्तन के चलते हुई वारिश और तूफान के चलते फसलों की क्षति के साथ जगह जगह पेड़, विद्युत खंभे गिर गए।
सैकड़ो छप्पर धाराशाई हो गए वहीं विद्युत व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। पानी भरने से मुर्गी फार्म में एक हजार मुर्गिया मर गईं।
सोमवार को दिन में अचानक काले बादलो के चलते अंधेरा छा गया। तेज हवा के साथ वारिश होने से गेहूं की फसले लोट गई।
फसलो की दशा देख किसानों का कलेजा मुंह को आ गया। ओले भी पड़े। तेज हवा के चलते कई स्थानों पर पेड़ गिर गए।
मार्गों पर पेड़ गिरने से आवागमन बाधित रहा। वन विभाग का पता नही चला। घरों और दुकानों पर लगे छप्पर उड़ गए।
क्षेत्र के आवक में शेख राहिल की मुर्गी फार्म में पानी घुसने से हजारों मुर्गियो के बच्चे मर गए। विद्युत खम्भा गिरने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।
इसकी वजह से देर शाम तक आपूर्ति बहाल नही हो सकी थी।
इतना ही नहीं कुछ किसान भी अपने गेहूं की कटाई करके छोड़ दिए हैं जो बुरी तरह से भीग कर खराब होने को लेकर किसान काफी चिंतित हो उठे हैं।
सुबह आए आंधी-पानी की वजह से मौसम पूरी तरह से सर्द हो गया है। शहर में जहां जगह-जगह जलजमाव हो गया है वहीं आंधी से विद्युत खंभे जगह-जगह गिर गए हैं।
इसकी वजह से विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो गई है। 1 अमिलो प्रतिनिधि के अनुसार पूर्व में भी हुई बरसात के कारण गेहूँ, चना, जौ, मटर, अरहर, सरसों, तीसी आदि सभी दलहनी और तिलहनी फसलें तो पूरी तरह बर्बाद हो गई थीं।
फलों का राजा कहे जाने वाला आम का वृक्ष भी अपने पर आंसू बहा रहा है। उसमें लगे बौर तो सिकुड़ कर लासे की तरह चू चू कर के पेड़ों से गिर रहे हैं।
इसके कारण अब उनमें फल लगने की क्षमता ही खतम हो गई है। जिन लोगों ने अपने आम के पेड़ों पर बरसात से पूर्व दवा आदि का छिडकाव कर दिया है उनकी आम के फसलों पर कुछ फल आ सकते हैं वह भी अगर पुन: बरसात का शिकार न हुए तो फल आ सकते हैं।
तेज हवा के झोकों ने फसलों को जमीनदोंज कर दिया है। सरसों की पकी फलियों से सारे दाने झड़ गए हैं। इसके कारण तिलहनी फसल की भारी बरबादी हुई है।
केवल सरसों के डंठल ही खेतों में दिख रहे हैं। 1गेहूँ की फसलें तो खेतों में कई तरफ से लोट-पोट हो गई हैं।
कुछ यही हाल चने, मटर और जौ का भी है। जायद की फसलों जैसे मूँग, मक्का सहित सब्जी की खेती का भी बुरा हाल है।
अरहर की फलिया जिनमें लगी हैं वह तो कुछ लायक हैं, परन्तु जिनमें केवल फूल लगे हैं वे तो बरबादी के कगार पर पहुंच गए हैं।
किसान श्रीराम, सुरेश यादव, बृजभान यादव, मंगला सिंह आदि का कहना है कि बेमौसम हुई बारिश के कारण खेतों में पक कर खड़ी फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।
गेहूँ, सरसों सहित अन्य फसलें तेज वर्षा के कारण गिर गई हैं। उस पर हुई बारिश फसलों को नुकसान पहुंचाने को कहीं कोर कसर नहीं छोड़ा।
अब तो विधाता ही हम लोगों को आहार की व्यवस्था ही करेंगे।तेज हवा और बारिश के चलते पेड़ से गिर कर नष्ट हुए आम के फल।
बारिश से गिरकर बर्बाद हुई सरसों की फसल।रानी की सराय (आजमगढ़) : मौसम के अचानक परिवर्तन के चलते हुई वारिश और तूफान के चलते फसलों की क्षति के साथ जगह जगह पेड़, विद्युत खंभे गिर गए।
सैकड़ो छप्पर धाराशाई हो गए वहीं विद्युत व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। पानी भरने से मुर्गी फार्म में एक हजार मुर्गिया मर गईं।
सोमवार को दिन में अचानक काले बादलो के चलते अंधेरा छा गया। तेज हवा के साथ वारिश होने से गेहूं की फसले लोट गई।
फसलो की दशा देख किसानों का कलेजा मुंह को आ गया। ओले भी पड़े। तेज हवा के चलते कई स्थानों पर पेड़ गिर गए।
मार्गों पर पेड़ गिरने से आवागमन बाधित रहा। वन विभाग का पता नही चला। घरों और दुकानों पर लगे छप्पर उड़ गए।
क्षेत्र के आवक में शेख राहिल की मुर्गी फार्म में पानी घुसने से हजारों मुर्गियो के बच्चे मर गए। विद्युत खम्भा गिरने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।
इसकी वजह से देर शाम तक आपूर्ति बहाल नही हो सकी थी।
0 comments:
Post a Comment