यूं तो 12 साल की मरियम सिद्दीकी अपने स्कूल की परीक्षाओं में टॉप करती है, 
लेकिन कक्षा 6 में पढ़ने वाली इस मुस्लिम बच्ची ने हाल ही में भागवत गीता का कॉन्टैस्ट जीतकर एक नई मिसाल कायम की है।
यह कॉन्टैस्ट 100 नंबर का था, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न आए थे। यह सभी प्रश्न भागवत गीता से संबंधित थे।

इस बच्ची ने करीब 3000 प्रतिभागियों को हराकर गीता चैंपियंस लीग कॉन्टैस्ट में पहला स्थान प्राप्त किया है।
यह कॉन्टैस्ट इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्सियसनेस) की तरफ से आयोजित किया गया था।
मरियम ने कहा कि उन्हें धर्मों के बारे में जानने में काफी रुचि थी इसलिए वह खाली समय में वह ये सब पढ़ा करती थीं।

जब मरियम को इस कॉन्टैस्ट के बारे में पता चला तो उसे यह कॉन्टैस्ट भागवत गीता के बारे में अधिक से अधिक जानने का एक अच्छा मौका लगा।
मरियम कहती हैं कि जब उन्होंने इसके बारे में अपने माता-पिता को बताया तो उन्होंने भी उसके इस विचार का समर्थन किया।

मीरा रोड स्थित कॉस्मोपोलिटन हाई स्कूल की छात्रा मरियम ने इस कॉन्टैस्ट के लिए एस्कॉन की तरफ से दी गई किताबों को टेस्ट से लगभग एक महीने पहले से पढ़ना शुरू किया।

मरियम कहती हैं कि उन्होंने वह किताबें पढ़ी और समझने की कोशिश की कि गीता उन शब्दों के जरिए क्या कहना चाहती है।
बच्ची ने कहा कि वह जितना अधिक धर्मों के बारे में पढ़ती हैं उतना ही उसे यह आभास होता है कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है, जिसका पालन सभी को करना चाहिए।

मरियम के इस कॉन्टैस्ट को जीतने से उनके स्कूल के अध्यापक भी बहुत खुश हैं। मरियम के पिता आसिफ सिद्दीकी कहते हैं कि मरियम उनसे अक्सर धर्मों के बारे में चर्चा करती है।
वह कहते हैं कि हमें अपने बच्चों को बताना होगा कि क्या सही है और क्या गलत। कई लोग बच्चों को ही गलत बातें बताकर भटकाने की कोशिश करते हैं।

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