नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) ने आज रात कड़ा कदम उठाते हुए बागी नेताओं प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव और दो अन्य को पार्टी विरोधी गतिविधियों तथा ‘‘घोर अनुशासनहीनता’’ के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया.  आप की राष्ट्रीय अनुशासनात्मक कार्यवाही समिति (एनडीएसी) की छह घंटे तक चली बैठक के बाद इन नेताओं को बाहर निकालने का फैसला किया गया

लंबे समय से चल रहे इस मामले में चारों को पार्टी के अनुशासन समीति की तरफ से तीन दिन पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और रविवार तक इसका जवाब देने को कहा था और आज लंबे चले पार्टी मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया.

एबीपी न्यूज से बात करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि हमें मालूम था कि यही नतीजा निकलेगा क्योंकि जिसने आरोप लगाया था वही इसकी जांच कर रहे थे उन्होंने कहा - शहर उनका, मुंसिफ उनका.

पार्टी प्रवक्ता दीपक बाजपेयी ने बताया, ‘‘ पार्टी की राष्ट्रीय अनुशासन समिति ने प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव , आनंद कुमार तथा अजित झा को निकालने का फैसला किया है . उन्हें घोर अनुशासनहीनता, पार्टी विरोधी गतिविधियों और पार्टी की आचार संहिता के उल्लंघन करने के कारण निष्कासित किया गया है .’’

आपको बता दें कि बागी नेताओं को ‘‘स्वराज संवाद’’ आयोजित करने का कारण बताने के लिए 17 अप्रैल को नोटिस जारी किया गया था. भूषण पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को हराने के लिए काम करने का आरोप लगाया गया था. उन पर पार्टी से अलग हुए धड़े ‘अवाम’ का समर्थन करने का भी आरोप लगाया गया.

झा को छोड़कर तीनों ने नोटिस का जवाब दिया था.

नोटिस के अपने जवाब में बागियों ने आज पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर पार्टी के संविधान का ‘‘घोर उल्लंघन’’ करने का आरोप लगाया और इसकी अनुशासन समिति के दो सदस्यों पर कथित रूप से ‘‘प्रायोजित’’ स्टोरी करवाने और संदिग्ध कंपनियों से चंदा स्वीकार करने के लिए हमला बोला .

आप की राष्ट्रीय अनुशासन समिति द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिसों के जवाब में भूषण और यादव ने जवाब मांगने के लिए समिति के अधिकार क्षेत्र पर ही सवाल खड़े किए और कहा कि 28 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की ‘‘अवैध’’ और ‘‘असंवैधानिक’’ बैठक के बाद इसका गठन किया गया था.

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