हज कमेटी को दिया सप्ताह भर का अल्टीमेटम

केन्द्रीय हज कमेटी के पूर्व सदस्य व आल इंडिया हज सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाफिज़ नौशाद आज़मी ने हज कमेटी को सप्ताह भर का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर हज कमेटी सऊदी अरब में हज के दौरान कुर्बानी खुद कराने के विवादित फैसले को वापस नहीं लेती है तो संसद का घेराव किया जायेगा। 
उन्होंने राष्ट्रीय सहारा से कहा कि सेन्ट्रल हज कमेटी हाजियों को इतना मजबूर न समझे कि वह अपना हर फैसला उन पर थोप देगी और हाजी चुपचाप सारे फैसले कुबूल कर लेंगें, चाहे वो जायज़ हो या न हो।
 उन्होंने कहा कि जो फैसला हज कमेटी या सरकार करती है अगर वो काबिले मंजूर नहीं है तो उसका हमेशा विरोध किया गया है और किया जाता रहेगा। 
कुर्बानी का मुद्दा ऐसा ही है जिस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। 
क्यों कि हज पर अपनी मर्ज़ी से ज़ायरीन कुर्बानी करता चला आ रहा है और अपनी ही मर्ज़ी से खुद कुर्बानी करेगा। 
उलेमा का फतवा भी यही कहता है कि खुद जानवर खरीदकर ही कुर्बानी कराना हज के अरकान में शामिल है। 
उन्होंने कहा कि फतवों में इस मुद्दे की मुखालफत करने का भी हुक्म दिया गया है। मेरे सम्पर्क में कई प्रदेश के लोग हैं। 
सभी कुर्बानी के मुद्दे पर एक हो रहे हैं और सप्ताह भर के अंदर अगर कुर्बानी का फैसला वापस नहीं लिया गया तो संसद भवन घेरने देश भर से लोग पहुंचेंगे।
 कुर्बा नी का विवादित फैसला वापस करने की मांग 30 तक जमा करें हज की पहली किश्त वाराणसी (एसएनबी)।
 मुकद्दस हज की पहली किश्त 30 अप्रैल तक हरहाल में जमा कर दें। हज कमेटी ने वर्ष 2015 की हजयात्रा के लिए चयनित सभी ज़ायरीन को 30 तक हज यात्रा की पहली किश्त जमा करने को कहा है।
 साथ ही राज्य हज कमेटी के लखनऊ स्थित दफ्तर में जमा कि गयी पहली किश्त 81 हज़ार रुपये की पे इन स्लिप व पासपोर्ट जमा करना है।
 ज्यादा जानकारी के लिए हज कमेटी की वेबसाइट भी देखी जा सकती है।

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