उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के गंभीर काम में भी कभी हंसी और तरस खाने का मौक़ा आता होगा, ऐसा कोई शायद ही सोचे.


लेकिन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाएं जांच रहे परीक्षक इन दिनों इनसे रूबरू हैं.


12वीं कक्षा की एक कापी जांचते समय परीक्षक को उत्तर पुस्तिका में संदेश मिला: "मैं अपनी ससुराल में रहती हूँ और मेरी सास ने कहा है कि अगर तुम पास नहीं हुई तो तुम्हें मायके भेज दूंगी."


परीक्षक अमानतुल्लाह कहते हैं, "ऐसी चिट्ठियों से माहौल थोड़ा हल्का हो जाता है."


प्रभु से दो टूक बातें


ये उत्तर पुस्तिका भौतिक विज्ञान की थी. लेकिन दूसरे विषयों के स्टूडेंट भी पीछे नहीं हैं.


सूबे में इन दिनों 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षाओं की कापियां जांचने का काम जारी है.


एक परीक्षक को कापी में 'जय माता दी' से शुरू हुई एक लंबी चिट्ठी मिली. कहा गया है, "प्रभु तुम्हारी कृपा से हम अब कक्षा 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं और उम्मीद है कि इस बार भी आपकी दया से अच्छे नंबरों से हम पास होंगे."


प्रभु से हुए सीधे संवाद के साथ-साथ परीक्षक से उम्मीद की गई है कि वो उसे पास कर देंगे.


'भूत बनकर परेशान करूँगा'


अमानतुल्लाह के अनुसार ऐसे पत्र पढ़ कर सिर्फ हंसी आती है और छात्रों की अज्ञानता पर दुख भी होता है.


एक अन्य छात्र ने अपनी उत्तर-पुस्तिका मे लिखा, "गुरूजी हमें फ़ेल कर दीजिए, क्योंकि नक़ल माफिया के रहते हमारा कुछ भला नहीं होगा."


एक अन्य केंद्र पर अंग्रेज़ी की उत्तर पुस्तिका जांची जा रही थी. सवाल था अपनी पुस्तक से किसी कविता की चार लाइन लिखो. एक छात्र ने नर्सरी राइम 'ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार' की चार लाइनें अपने ही अंदाज़ में लिख दीं.


लेकिन कुछ तो इससे आगे भी निकल जाते हैं.


एक परीक्षार्थी ने उत्तर पुस्तिका में लिख डाला: "ख़बरदार जो मुझको फ़ेल किया. मैं आत्महत्या कर लूँगा और तुम्हें भूत बनकर परेशान करूंगा."

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