क्षेत्र के शाहगढ़ में प्रशासनिक अधिकारी बनने के बाद दिल्ली से पहली बार गांव पहुंचने पर फैसल आलम को ग्रामीणों ने हाथो-हाथ ले लिया|
लोगों ने उसे फूल-मालाओं से लाद दिया। वहीं असिस्टेंट कमिश्नर बनें रणंजय यादव का रेलवे स्टेशन पर लोगों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। 
सिधारी थाने के शाहगढ़ निवासी फैसल आलम ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली में रहकर प्रशासनिक अधिकारी पद के लिए तैयारी किया। 
उसने प्रथम प्रयास में ही उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा परीक्षा पास कर खंड विकास अधिकारी के पद पर नियुक्त हो गया।
गुरुवार को दिल्ली से पहली बार वह अपने पैतृक गांव पहुंचा। उसके वयोवृद्घ दादा हाजी अलीम ने पोते को गले से लगा लिया और उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े।
माता मजहबी व पिता डॉ.नेयाज सहित परिवार के अन्य सदस्यों में काफी खुशी दिखाई दी। वहीं अन्य लोग भी फैसल आलम से प्रेरणा लेने के लिए विवश हो गए।
उसके चाचा रेयाज आलम, सफरायत आलम, सेराज आलम, मेराज आलम, एहतेशाम, शाहनवाज के अतिरिक्त गांव के मुमताज अहमद, भोला गोंड़, अशोक पांडेय, छोटू बाबा, मशरुरुल हसन एडवोकेट, अब्दुल कलाम आदि ने माला पहनाकर उसका स्वागत किया।
इसी क्रम में अंजानशहीद निवासी रणंजय यादव पुत्र मखडू यादव ने असिस्टेंट कमिश्नर (सेल्स टैक्स) पद पर चयनित हुए है।
दिल्ली से वह कैफियात एक्सप्रेस ट्रेन से जब आजमगढ़ रेलवे स्टेशन पर प्रथम बार जब आए तो उनका लोगों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया।
इस मौके पर रामधारी यादव, बद्री गुप्ता, श्यामविक्रम यादव, अशोक यादव, राजेन्द्र, हरिवंश, विरेंद्र, धनंजय, रामप्रसाद, प्रभाकर, रामसमुझ यादव, पारस सिंह, दुर्गविजय, रामविक्रम, विक्रांत, रामबहादुर, सुक्कू, हरेंद्र, कोमल राजभर रहे।


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