मुबई में 12 मार्च 1993 को हुए श्रृंखलाबद्ध धमाकों में 257 मारे गए थे, जबकि 713 घायल हुए थे।
मुंबई की टाडा कोर्ट ने फिल्म अभिनेता संजय दत्त सहित 100 लोगों को सजा दी जिसमें 12 को फांसी व 22 को उम्र कैद दी गई थी।
21 मार्च 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य साजिशकर्ता टाइगर मेमन के छोटे भाई याकूब की फांसी बरकरार रखी जबकि 10 अन्य की फांसी उम्र कैद में तब्दील कर दी थी।
लखवी का नाम उन सात आतंकियों में शामिल है, जिन्होंने साल 2008 में मुंबई हमलों को अंजाम दिया था। इनमें छह अन्य आरोपी अदियाला जेल में बंद हैं, जिनके खिलाफ सुनवाई चल रही है।
मुंबई हमले के समय लखवी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कार्यवाहक प्रमुख था। उस हमले में 166 लोग मारे गए थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लश्कर आतंकी जकी उर रहमान लखवी को सजा मिलने की उम्मीदें धुंधली होती जा रही है।
भारत और दुनिया के तमाम दबावों के बावजूद पाकिस्तानी अदालतें उसे जेल से रिहा करने पर आमादा है।
लाहौर हाई कोर्ट ने फिर लखवी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
पहले की तरह इस बार भी भारत ने कड़ा एतराज जताया है।
गृह मंत्रलय के अधिकारी अब दबी जुबान से स्वीकार करने लगे हैं कि लखवी को ज्यादा दिनों तक जेल में रखना संभव नहीं होगा।
बृहस्पतिवार को लाहौर हाई कोर्ट ने उसे हिरासत में रखने का पंजाब सरकार का आदेश निरस्त कर दिया।
कोर्ट का कहना था कि उसे हिरासत में रखने की जरूरत है पर पंजाब सरकार पुख्ता सुबूत नहीं दे पाई।
इसके पहले मुंबई हमले की सुनवाई कर रही स्थानीय अदालत लखवी की रिहाई का आदेश चुकी है।
लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण पाक सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर लखवी को हिरासत में रखने का आदेश दिया था।
लाहौर हाई कोर्ट में लखवी ने इसे चुनौती दी थी। उधर भारत ने कहा कि दिखाने के लिए पाकिस्तान कार्रवाई जरूर करता है,
लेकिन अदालत में उसके खिलाफ सारे सुबूत नहीं पेश करता है।
नई दिल्ली : 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लश्कर आतंकी जकी उर रहमान लखवी को सजा मिलने की उम्मीदें धुंधली होती जा रही है।
भारत और दुनिया के तमाम दबावों के बावजूद पाकिस्तानी अदालतें उसे जेल से रिहा करने पर आमादा है।
लाहौर हाई कोर्ट ने फिर लखवी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। पहले की तरह इस बार भी भारत ने कड़ा एतराज जताया है।
गृह मंत्रलय के अधिकारी अब दबी जुबान से स्वीकार करने लगे हैं कि लखवी को ज्यादा दिनों तक जेल में रखना संभव नहीं होगा।
बृहस्पतिवार को लाहौर हाई कोर्ट ने उसे हिरासत में रखने का पंजाब सरकार का आदेश निरस्त कर दिया।
कोर्ट का कहना था कि उसे हिरासत में रखने की जरूरत है पर पंजाब सरकार पुख्ता सुबूत नहीं दे पाई।
इसके पहले मुंबई हमले की सुनवाई कर रही स्थानीय अदालत लखवी की रिहाई का आदेश चुकी है।
लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण पाक सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर लखवी को हिरासत में रखने का आदेश दिया था।
लाहौर हाई कोर्ट में लखवी ने इसे चुनौती दी थी। उधर भारत ने कहा कि दिखाने के लिए पाकिस्तान कार्रवाई जरूर करता है,
लेकिन अदालत में उसके खिलाफ सारे सुबूत नहीं पेश करता है।
नई दिल्ली : 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लश्कर आतंकी जकी उर रहमान लखवी को सजा मिलने की उम्मीदें धुंधली होती जा रही है।
भारत और दुनिया के तमाम दबावों के बावजूद पाकिस्तानी अदालतें उसे जेल से रिहा करने पर आमादा है।
लाहौर हाई कोर्ट ने फिर लखवी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। पहले की तरह इस बार भी भारत ने कड़ा एतराज जताया है।
गृह मंत्रलय के अधिकारी अब दबी जुबान से स्वीकार करने लगे हैं कि लखवी को ज्यादा दिनों तक जेल में रखना संभव नहीं होगा।
बृहस्पतिवार को लाहौर हाई कोर्ट ने उसे हिरासत में रखने का पंजाब सरकार का आदेश निरस्त कर दिया।
कोर्ट का कहना था कि उसे हिरासत में रखने की जरूरत है पर पंजाब सरकार पुख्ता सुबूत नहीं दे पाई।
इसके पहले मुंबई हमले की सुनवाई कर रही स्थानीय अदालत लखवी की रिहाई का आदेश चुकी है।
लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण पाक सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर लखवी को हिरासत में रखने का आदेश दिया था।
लाहौर हाई कोर्ट में लखवी ने इसे चुनौती दी थी। उधर भारत ने कहा कि दिखाने के लिए पाकिस्तान कार्रवाई जरूर करता है,
लेकिन अदालत में उसके खिलाफ सारे सुबूत नहीं पेश करता है।
नई दिल्ली : मुंबई में 1993 के श्रृंखलाबद्ध धमाकों में दोषी करार मुख्य साजिशकर्ता याकूब अब्दुल रजाक मेमन की फांसी की सजा सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखी है।
शीर्ष न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उसकी पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए उसे फांसी के अपने पूर्व आदेश पर मुहर लगा दी है।
मेमन ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर फांसी की सजा रद करने की मांग की थी।
1याकूब मेमन की दया याचिका पिछले साल मई में राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं। मेमन के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का रास्ता है।
न्यायमूर्ति एआर दवे, न्यायमूर्ति जे चेल्मेश्वर व न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि हमने टाडा अदालत के फैसले,
दोनों पक्षों की दलीलों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार किया। हमें फैसले में कोई खामी नजर नहीं आई।
मेमन ने याचिका में दलील दी थी कि टाडा अदालत व सुप्रीम कोर्ट ने उसे फांसी की सजा देने का पुख्ता कारण नहीं दिया है।
उसे सिर्फ सह अभियुक्तों के बयानों के आधार पर दोषी ठहराया गया है। वह 19 साल से जेल में है जो कि एक तरह उम्रकैद काट लेने के समान है।
किसी व्यक्ति को एक अपराध के लिए दो सजाएं नहीं दी जा सकतीं।
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